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Kamal Mangla

रात को आप घर का दरवाजा अन्दर से बन्द कर अपने 8 वर्ष के बेटे को कहानी सुनाते सुनाते स्वयं भी सो गये थे. गर्भवती पत्नी थकावट महसूस करने की वजह से पहले ही सोने जा चुकी थी. घर में शान्ति थी. अचानक घर के दरवाजे पर जोर से पीटे जाने और दरवाजा खोलने के लिए चीखती आवाजें सुनाई पड़ीं. आप सही से जाग कर कुछ समझ पाते, उससे पहले ही कुछ लोग दरवाजा तोड़कर अन्दर आ चुके थे. आप कांपते हाथ से मोबाइल पर किसी मित्र को मदद के लिए फोन करने की कोशिश ही कर रहे थे कि घर में जबरन घुसी रोहिंग्याओं की भीड़ में से किसी ने अपने हाथ में पकड़े धारदार कांते से आपके उसी मोबाइल वाले हाथ पर जोर से मा रा. आपके हाथ से खून की तेज धारा बह निकली. लेकिन आपको दर्द का अहसास भी नहीं हुआ, क्योंकि उनमें से कुछ लोग धारदार हथियारों से आपके 8 वर्ष के मासूम को मा र रहे थे. आप चिल्ला पड़े कि बच्चे को तो मत मा रो. लेकिन आपकी दर्द भरी आवाज उन भेड़ियों की चिल्लाती आवाज में डूबकर रह गई. आपकी आंखों के सामने ही उन जंगली कुत्तों ने आपके मासूम बच्चे को 3-4 जगह ऐसे घाव दे दिये कि उसके शरीर से भी जगह जगह से खून बहने लगा. उधर कुछ जवान जंगली भेड़िये आपकी पत्नी के शरीर पर टूट पड़े. अगले कुछ पलों के अंदर आपके शरीर में इतने घाव हो चुके थे कि आपकी सांस बन्द होने लगी. और उन्हीं मिनटों में आपका 8 वर्ष का बेटा, आपकी पत्नी और उसकी कोख में रहता आपका अजन्मा शिशु सबकी हत् या हो चुकी थी.

खूंखार भेड़िये अपने हथियारों को आपके बेटे के कपड़ों से पोंछते हुये हंसते हुये आपके घर से चले गये. अगले दिन फिर किसी दूसरे गोपाल (प्रकाश) के परिवार का कत्ल करने के मन्सूबों के साथ. कल फिर किसी दूसरे मासूम के शरीर को काटकर अपने हथियारों की धार जांचने की तैयारी के साथ.

आमिर खान. नसीरूद्दीन शाह. कहां हो तुम लोग? प. बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक 35 वर्षीय गोपाल पाल (बंधु प्रकाश पाल ), उसकी 30 वर्ष की गर्भवती पत्नी और 8 वर्ष के बेटे - सभी को नृशंसतापूर्ण का टकर क त्ल कर दिया गया. उनका गुनाह सिर्फ यह था कि वो हिन्दू थे और मोमता बानो के प. बंगाल में एक मुस्लिम बहुल इलाके के बिल्कुल पास में ही रहते थे.

आमिर खान, नसीरूद्दीन शाह. मुझे आज फिर डर लग रहा है. अगला नाम कौन होगा? मेरा नम्बर कब आयेगा??

ममता बानो से तो किसी तरह की कोई कार्यवाही की आशा ही नहीं है. देखना है कि क्या भारत के हिन्दू म्याँमार के बौद्ध लोगों के आधे भी हिम्मत रखते हैं या सबका खून सफेद हो चुका है.

और हां
जय हिंद


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